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धोनी ने बदला नजरिया: इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर बोले - "अब इसे टी20 क्रिकेट के विकास का हिस्सा मानता हूं"

धोनी ने बदला नजरिया: इम्पैक्ट प्लेयर नियम पर बोले - "अब इसे टी20 क्रिकेट के विकास का हिस्सा मानता हूं"

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में जब पहली बार इम्पैक्ट प्लेयर नियम लागू किया गया, तो भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को इस पर संदेह था। लेकिन अब उनका नजरिया बदल चुका है। 43 वर्षीय इस दिग्गज खिलाड़ी ने इसे टी20 क्रिकेट के विकास का एक अभिन्न हिस्सा मान लिया है। हालांकि, वह खुद को इम्पैक्ट प्लेयर नहीं मानते क्योंकि वह अभी भी अपनी टीम के मुख्य विकेटकीपर हैं।

पहले असमंजस, अब स्वीकृति

धोनी ने इस नियम को लेकर कहा, "जब यह नियम पहली बार आया, तो मुझे लगा कि इसकी जरूरत नहीं थी। यह कुछ हद तक मेरी मदद कर रहा है और कुछ हद तक नहीं भी। लेकिन मैं अभी विकेटकीपिंग कर रहा हूं, इसलिए मैं इम्पैक्ट प्लेयर नहीं हूं। यह नियम अब खेल का हिस्सा बन चुका है और हमें इसके साथ ही आगे बढ़ना होगा।"

क्या सच में बड़े स्कोर का कारण इम्पैक्ट प्लेयर नियम है?

कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स और खिलाड़ी मानते हैं कि इस नियम की वजह से टीमें अधिक आक्रामक क्रिकेट खेल रही हैं, जिससे बड़े स्कोर बन रहे हैं। लेकिन धोनी इससे पूरी तरह सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा, "लोग कहते हैं कि इस नियम के कारण बड़े स्कोर बन रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि खिलाड़ी अब अधिक सहज और आक्रामक होकर खेल रहे हैं, जो असली कारण है।"

रोहित और हार्दिक ने की आलोचना, धोनी ने दिया जवाब

भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा और स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या इस नियम की आलोचना कर चुके हैं। इन दोनों का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम के कारण ऑलराउंडर्स की भूमिका सीमित हो गई है क्योंकि टीमें विशुद्ध रूप से आक्रामक बल्लेबाजों को ही प्राथमिकता दे रही हैं।

धोनी ने इस पर अपनी राय साझा करते हुए कहा, "टीमें अब कठिन परिस्थितियों में एक अतिरिक्त बल्लेबाज को शामिल कर सकती हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सिर्फ इसी वजह से बड़े स्कोर बन रहे हैं। यह मानसिकता में बदलाव का नतीजा है। एक अतिरिक्त बल्लेबाज होने से खिलाड़ियों को अधिक आत्मविश्वास मिलता है और वे खुलकर खेलते हैं। यही वजह है कि टी20 क्रिकेट लगातार विकसित हो रहा है।"

इम्पैक्ट प्लेयर नियम – टी20 क्रिकेट का नया युग?

इस नियम ने निश्चित रूप से आईपीएल के खेल को बदल दिया है। टीमों के पास अब रणनीति बनाने के लिए ज्यादा विकल्प हैं। हालाँकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह नियम लंबे समय तक बना रहेगा या भविष्य में इसमें कुछ बदलाव किए जाएंगे। लेकिन एक बात तो तय है – धोनी ने इसे स्वीकार कर लिया है और अब इसे टी20 क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा मानते हैं।

निष्कर्ष

क्रिकेट के खेल में बदलाव होते रहते हैं और इम्पैक्ट प्लेयर नियम उसी बदलाव का एक हिस्सा है। हालांकि, इसे लेकर अभी भी अलग-अलग राय है। कुछ इसे खेल के लिए फायदेमंद मानते हैं तो कुछ इसे ऑलराउंडर्स के लिए नुकसानदायक। लेकिन अगर धोनी जैसे अनुभवी क्रिकेटर इसे टी20 क्रिकेट के विकास का हिस्सा मानते हैं, तो यह साफ है कि यह नियम फिलहाल क्रिकेट में बना रहेगा और इसे नई रणनीतियों के साथ अपनाना ही होगा।

तो क्या आप इस नियम से सहमत हैं? या आपको लगता है कि यह ऑलराउंडर्स के लिए नुकसानदायक है? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!

 

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