आज के समय में सड़कों पर
चलना भी किसी जंग से कम नहीं रह गया है, खासकर उन लोगों के लिए जो
पैदल यात्रा करते हैं। हाल ही में मेरे साथ एक ऐसा ही वाकया हुआ जिसने सोचने पर
मजबूर कर दिया कि आखिर दोपहिया वाहन चालकों को सड़क पर चलने का शिष्टाचार कब
सिखाया जाएगा।
करीब दोपहर के 2 बजे मैं
रांची के हरमू स्थित कार्तिक उरांव चौक के पास सड़क पार कर रहा था। तभी एक बाइक, जिस पर
दो युवक सवार थे, तेजी से मेरी बगल से सटा कर निकल गई। हैरानी की बात ये रही कि पीछे बैठे युवक
ने मुझे बिना किसी कारण के गाली भी दे दी। मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन
मन में सवाल जरूर उठे कि आखिर इस तरह की सड़क पर गुंडागर्दी कब तक चलेगी?
ये पहली बार नहीं था। इससे
पहले भी इसी जगह पर एक स्कूटी सवार ने मेरी माता जी को टक्कर मार दी थी, जिसमें
उन्हें गंभीर चोट आई थी। दुर्भाग्यपूर्ण बात ये थी कि उस स्कूटी सवार ने उल्टा
मेरी मां को ही जिम्मेदार ठहरा दिया कि उन्हें देख कर सड़क पार करनी चाहिए थी।
रांची जैसे शहरों में
दोपहिया चालकों की यह मनमानी आम हो चली है। हेलमेट पहनना छोड़िए, लोग
नियमों को ताक पर रखकर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं। यदि कोई हादसा हो जाए तो उल्टा
पीड़ित को ही दोषी ठहरा देते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन चालकों ने कभी
ड्राइविंग टेस्ट पास किया है? क्या इन्हें सड़क सुरक्षा के नियमों की जानकारी है? क्या
इन्हें यातायात के मूलभूत शिष्टाचार सिखाए जाने की आवश्यकता नहीं है?
सड़क पर चलने का अधिकार
जितना वाहन चालकों को है, उतना ही पैदल यात्रियों को भी है। भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी नागरिक
सार्वजनिक स्थल पर सम्मानपूर्वक चलने का हक रखता है। किसी को भी यह अधिकार नहीं है
कि वह सड़क पर चलते हुए किसी को गाली-गलौज करे या अभद्र भाषा का प्रयोग करे।
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत
भी किसी को गाली देना, डराना-धमकाना या सार्वजनिक स्थान पर किसी का अपमान करना कानूनन अपराध है। सेक्शन 504 के तहत गाली-गलौज और
उत्तेजित करने वाला व्यवहार दंडनीय अपराध है। वहीं सेक्शन 506 के तहत धमकी देना भी अपराध
की श्रेणी में आता है।
आज जरूरत इस बात की है कि
दोपहिया वाहन चालकों को केवल लाइसेंस ही न दिया जाए, बल्कि उन्हें सड़क
शिष्टाचार, अनुशासन और कानून की भी शिक्षा दी जाए। यातायात नियमों का पालन केवल ट्रैफिक
पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
यदि हम इसी तरह लापरवाही
और बदतमीजी के साथ सड़कों पर चलते रहे तो सड़कें और भी असुरक्षित हो जाएंगी।
प्रशासन को भी इस दिशा में सख्ती बरतनी चाहिए ताकि कानून तोड़ने वालों को यह एहसास
हो सके कि सड़कें किसी की जागीर नहीं हैं।
आइए हम सभी जिम्मेदार
नागरिक बनें, यातायात नियमों का पालन करें और सड़क पर दूसरों का सम्मान करें।
FAQs:
Q1: क्या दोपहिया चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है?
हाँ, भारत
में सभी दोपहिया चालकों व पीछे बैठे व्यक्ति के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है।
Q2: गाली देने पर क्या सजा हो सकती है?
IPC की धारा 504 व 506 के तहत
गाली-गलौज व धमकी देने पर जुर्माना व कारावास दोनों का प्रावधान है।
Q3: पैदल यात्री को सड़क पार करते समय क्या अधिकार हैं?
पैदल यात्री को ज़ेब्रा
क्रॉसिंग या सुरक्षित स्थानों से सड़क पार करने का पूरा अधिकार है। वाहन चालकों को
उन्हें पहले रास्ता देना होता है।
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