2025: अब तक का सबसे गर्म साल? IMD का बड़ा अलर्ट!
2025 में भारत में भीषण
गर्मी पड़ने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल लू (Heatwave) के दिनों की संख्या दोगुनी हो सकती है।
खासतौर पर, उत्तर-पश्चिमी भारत
के राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा,
पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लू का
प्रकोप सबसे ज्यादा रहेगा। IMD का
कहना है कि इस साल हीटवेव लगातार 10-12 दिनों तक चल सकती है, जो सामान्य से लगभग दोगुनी होगी।
2024 भी था रिकॉर्ड तोड़ गर्मी वाला साल
2024 में देश में कुल 554
हीटवेव डे दर्ज किए गए थे। इसका मतलब यह
नहीं कि 365 दिन से भी ज्यादा लू
चली, बल्कि यह आंकड़ा उन
सभी राज्यों में हीटवेव के कुल घटनाओं का है। अगर किसी महीने में राजस्थान में 15,
दिल्ली में 10, बिहार में 8 और यूपी में 12 दिन लू चली, तो कुल हीटवेव डे 45 माने जाते हैं। इसी तरह, पूरे देश के हिसाब से 2024 में यह आंकड़ा 554 तक पहुंच गया था।
2025 में क्यों बढ़ेगी हीटवेव?
IMD के अनुसार, इस बार दो मुख्य कारणों से गर्मी का असर
बढ़ेगा:
1. अल-नीनो प्रभाव: प्रशांत महासागर के गर्म होने से
अल-नीनो की स्थिति बनी हुई है। इससे बारिश में कमी आती है और तापमान तेजी से बढ़ता
है। इस साल जून तक इसका प्रभाव बना रहेगा।
2. जलवायु परिवर्तन: बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के
कारण लू का असर ज्यादा दिनों तक बना रहता है।
किन परिस्थितियों में माना जाता है हीटवेव?
हीटवेव तब मानी जाती है जब किसी इलाके
में सामान्य तापमान से 5°C अधिक
तापमान रिकॉर्ड किया जाता है।
·
मैदानी
इलाके: जब
तापमान 40°C से ऊपर हो।
·
तटीय
इलाके: जब
तापमान 37°C से ऊपर हो।
·
पहाड़ी
इलाके: जब
तापमान 30°C से ऊपर हो।
अगर तापमान सामान्य से 6.5°C या उससे ज्यादा बढ़ जाता है तो इसे
गंभीर हीटवेव माना जाता है।
अभी से 40°C को पार कर गया पारा!
भारत के कई हिस्सों में मार्च में ही
तापमान 40°C के पार पहुंच चुका
है। खासतौर पर राजस्थान, मध्य
प्रदेश, उत्तर प्रदेश,
महाराष्ट्र और गुजरात में अभी से लू
जैसी स्थिति बनने लगी है। आने वाले दिनों में दिल्ली-NCR, हरियाणा, और पंजाब में तापमान में 1-2°C की वृद्धि हो सकती है। हालांकि, अगर उत्तर-पश्चिमी राज्यों में बारिश या
बर्फबारी हुई तो कुछ हद तक तापमान में गिरावट संभव है।
भारत में गर्मी का सफर: तीन चरणों में बंटा
रहता है
1. प्री-समर (मार्च-अप्रैल):
अप्रैल के पहले सप्ताह से लू शुरू होती
है।
2. पीक समर (मई-मध्य जून):
इस दौरान देश में सबसे ज्यादा गर्मी
पड़ती है।
3. पोस्ट समर (जून-अंत-जुलाई):
मानसून के आगमन के साथ हीटवेव की
तीव्रता कम होने लगती है।
हीटवेव से बचने के लिए सरकार का प्लान
हीटवेव के बढ़ते खतरे को देखते हुए
सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के जरिए कई अहम कदम उठाए हैं:
✔️ अस्पतालों
में विशेष तैयारी: हीट
स्ट्रोक के मरीजों के लिए आइस पैक, ठंडे
पानी और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था। ✔️
हेल्थ डेटा मॉनिटरिंग:
सभी मेडिकल संस्थानों को हीटवेव से
संबंधित बीमारियों का डेटा ऑनलाइन अपडेट करना होगा। ✔️
डॉक्टरों और हेल्थ
वर्कर्स को ट्रेनिंग: उन्हें
हीटवेव से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
हीटवेव से बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
·
धूप
में निकलने से बचें, खासकर
दोपहर 12 से 3 बजे के बीच।
·
ढीले
और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
·
पानी
और ORS का
सेवन ज्यादा करें।
·
धूप
में काम करने वालों के लिए ब्रेक जरूरी।
·
बुजुर्गों
और बच्चों का खास ख्याल रखें।
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