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रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले की कार में धमाका! साजिश या हादसा?

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले की कार में धमाका! साजिश या हादसा?
मॉस्को में धमाका: राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा पर बड़ा सवाल

मॉस्को में रूस की खुफिया एजेंसी FSB के मुख्यालय के पास रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काफिले में चलने वाली एक लिमोजिन कार में जोरदार ब्लास्ट हुआ। यह कार वही थी जिसे पुतिन अक्सर इस्तेमाल करते हैं और पिछले साल नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन को गिफ्ट भी कर चुके हैं। हालाँकि, राहत की बात यह रही कि घटना के समय पुतिन कार में मौजूद नहीं थे।

ब्लास्ट या साजिश? क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?

ब्लास्ट के पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। लेकिन इस घटना के बाद राष्ट्रपति कार्यालय और सुरक्षा एजेंसियों में हलचल तेज हो गई है। 26 मार्च को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि जल्द ही पुतिन की मौत होगी और फिर सब ठीक हो जाएगा।” ऐसे में इस धमाके को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।


पुतिन की सुरक्षा: चार घेरों में होती है कड़ी निगरानी

रूसी राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा बेहद सख्त मानी जाती है। उनकी रक्षा करने वाली टीम खुद को "मस्किटियर्स" कहती है और रूस की Federal Security Service (FSO) के अंतर्गत आती है। इन सुरक्षा गार्ड्स को विशेष अधिकार प्राप्त होते हैं:

  • किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या स्थान की तलाशी और गिरफ्तारी कर सकते हैं।
  • बिना किसी पूर्व सूचना के जाँच-पड़ताल कर सकते हैं।
  • आदेश देने और कार्रवाई करने का पूरा अधिकार होता है।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के काफिले की कार में धमाका! साजिश या हादसा?
कैसे काम करती है सुरक्षा टीम?

  1. पहला सुरक्षा घेरा: बॉडीगार्ड्स जो हमेशा पुतिन के साथ चलते हैं।
  2. दूसरा सुरक्षा घेरा: आम लोगों के बीच घुले-मिले होते हैं ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि होते ही तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  3. तीसरा सुरक्षा घेरा: भीड़ की परिधि पर तैनात रहते हैं।
  4. चौथा सुरक्षा घेरा: आसपास की छतों पर स्नाइपर्स को तैनात किया जाता है।

क्या पुतिन को जहर देने की भी हो चुकी है कोशिश?

रूस के राष्ट्रपति की सुरक्षा इतनी सख्त है कि उनके खाने तक की जाँच की जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक विशेष अधिकारी उनके भोजन को पहले टेस्ट करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाने में कोई ज़हर न मिला हो।

बॉडीगार्ड्स का भविष्य: रिटायरमेंट के बाद भी खास पद

पुतिन के बॉडीगार्ड्स को 35 साल की उम्र में रिटायर कर दिया जाता है, लेकिन उन्हें उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है। इनमें गवर्नर, मंत्री, या स्पेशल फोर्स में बड़े अधिकारी जैसी पोस्ट शामिल होती हैं।


क्या रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ा है यह धमाका?

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध ने पहले ही वैश्विक स्तर पर हलचल मचा रखी है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का हालिया बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि युद्ध का अंत तभी होगा जब पुतिन की सत्ता समाप्त हो जाएगी। ऐसे में यह धमाका केवल एक संयोग था या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है, यह अभी जांच का विषय बना हुआ है।

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